बाँट लिया अपना काम न सुनना न देखना न कुछ कहना। बाँट लिया अपना काम न सुनना न देखना न कुछ कहना।
लोकतंत्र की मर्यादा पर करते कैसी चोट रामजी किसको डालूं वोट... लोकतंत्र की मर्यादा पर करते कैसी चोट रामजी किसको डालूं वोट...
स्वतंत्रता से जीने का हक छीन लिया हमारा। स्वतंत्रता से जीने का हक छीन लिया हमारा।
रचनाकार-"जे.पी. रघुवंशी" , काल परों तक झां-भां डोले,अब वे बज रहें कक्का जी। रचनाकार-"जे.पी. रघुवंशी" , काल परों तक झां-भां डोले,अब वे बज रहें कक्का ज...
संविधान का जर्जर तन मैं, अंधों को दिखलाता हूँ। बहरों की बस्ती में पीड़ा, लोकतंत्र की गाता हूँ।... संविधान का जर्जर तन मैं, अंधों को दिखलाता हूँ। बहरों की बस्ती में पीड़ा, लोकतंत्र...
हक़ नही, कर्म समझो इसे अपना, मतदान में तुम नहीं चूकना हक़ नही, कर्म समझो इसे अपना, मतदान में तुम नहीं चूकना